क्या कभी अपने माता पिता के बारे में सोंचने की जहमत उठाई है , कि इस उम्र में, बिना सहारे वे , अपना सही इलाज़ कैसे कर पा रहे होंगे ! क्या आपने सोचा है कि उनके जैसे , कमजोर असहायों वृद्धों को, सिर्फ पैसे कमाने के लिए खुले, अस्पताल तक पंहुचना, कितना भयावह होता है !
बीमार हालत में, दयनीय आँखों से डाक्टर को ताकते , ये वही हैं, जिनकी गोद में तुम सुरक्षित रहते हुए, विशाल वृक्ष बन चुके हो और ये लोग, उस वट वृक्ष से दूर ,निस्सहाय गलती हुई जड़ मात्र , जिन्हें बचाने वाला कोई नहीं !
खैर ! अच्छे वैभवयुक्त जीवन के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं !
( उपरोक्त चित्र का इस लेख से कोई सम्बन्द्ध नहीं है , इसे सिर्फ प्रतीकात्मक मानें )